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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि ॥ ९ ॥
ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल more info ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण, मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.